UP Bal Shramik Vidya Yojana 2025: “बाल श्रमिक योजना” से आपका तात्पर्य “राष्ट्रीय बाल श्रम परियोजना (एनसीएलपी)” से है, जो भारत सरकार की 1988 की एक योजना है जो बाल श्रमिकों की पहचान, पुनर्वास और शिक्षा के लिए शुरू की गई थी।
इस योजना के तहत विशेष स्कूल चलाए जाते हैं, जहाँ बच्चों को शिक्षा, व्यावसायिक प्रशिक्षण, वज़ीफ़ा और पोषण दिया जाता है, ताकि उन्हें मुख्य धारा की शिक्षा में शामिल किया जा सके।
बाल श्रमिक विद्या योजना क्या है?
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी ने राज्य के गरीब बच्चो को सहायता आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण, या अनाथ होने के कारण काम करते है। जिससे की बच्चो को कम उम्र में काम करने पड़ते है और ऐसे में बच्चो का बचपन खराब हो जाता है और वे न तो अपने पढ़ाई कर पाते है और न ही अपना बचपन जी पाते है। इससे बच्चों की पढ़ाई में कोई दिक्कत नहीं आएगी, जिससे देश की प्रगति को आगे बढ़ते देखा जा सकता है। इसके साथ ही इस योजना के सफलता से लागु हो जाने से बच्चो के साथ साथ राज्य भी विकास की और अग्रसर होगा।
Bal Shramik Vidya Yojana 2025 यूपी सरकार की यह योजना खासकर गरीब बच्चों के उत्थान के लिए लाई गई है। इस योजना में लड़कों को हर महीने 1,000 रुपये (12,000 / वर्ष) व बालिका/ किशोरी को 1,200 रुपये प्रति माह (14,400 रुपये) मिलेगा । Bal Shramik Vidya Yojana में कक्षा 8, 9 या 10 तक की शिक्षा पूरी करने वाले बच्चों को प्रत्येक कक्षा को पूरा करने के लिए 6,000 रुपये की अतिरिक्त राशि दी जाएगी ।
Overview of UP Bal Shramik Vidya Yojana 2025
योजना का नाम | मुख्यमंत्री बाल श्रमिक विद्या योजना |
आरम्भ की गई | मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ जी |
वर्ष | 2025 |
लाभार्थी | बाल श्रमिक |
उद्देश्य | आर्थिक सहायता प्रदान करना |
लाभ | बाल श्रमिकों को शिक्षा |
श्रेणी | उत्तर प्रदेश सरकारी योजनाएं |
Bal Shramik Vidhya Yojana 2025 के लाभ
- इस योजना का मुख्य लाभ है कि राज्य के बच्चे आत्मनिर्भर व सशक्त बनेंगे
- राज्य के बच्चे अपनी पढ़ाई पूर्ण कर अच्छी नौकरी प्राप्त कर सकेंगे।
- उन्हें अपने परिवार के लिए अपनी पढ़ाई छोड़ कर बाल श्रम करने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।
- मुख्य लक्ष्य है कि बच्चों को बाल श्रम से रोका जा सके और उन्हें अच्छी पढ़ाई प्रदान की जा सके।
- बालकों को 1000 रुपये तथा बालिकाओं को 1200 रुपये प्रति महा अतिरिक्त सहायता के रूप में प्रदान किए जाएंगे।
- श्रमिक बच्चे जो 8वीं, 9वीं और 10वीं कक्षा में पढ़ रहे हैं उन्हें वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी।
नोट :- परिवार की मुखिया माता/महिला से तात्पर्य यह होगा कि पति की मृत्यु हो गयी हो /महिला तलाक शुदा हो और बच्चों/परिवार में भरण पोषण की जिम्मेदारी सम्बंधित महिला पर हो।
प्रथम श्रेणी | सर्वोच्च एवं प्रथम प्राथमिकता उन बच्चों को दी जाये जो कि ऐसे पात्र परिवारों की श्रेणी में आते है जहाँ पर माता-पिता दोनों की मृत्यु हो चुकी हो तथा बच्चे द्वारा दिए जाने वाले कार्य से प्राप्त आय ही परिवार की आय का मुख्य श्रोत हो तथा बच्चा किसी निरीक्षण/सर्वेक्षण के माध्यम से कामकाजी बच्चे के रूप में चिन्हित हुआ हो| |
द्वितीय श्रेणी | द्वितीय प्राथमिकता उन बच्चों की दी जाये जो कि ऐसे परिवार से आते है जहाँ पिता की मृत्यु हो चुकी हो और वह बच्चा परिवार का आर्थिक सहयोग करने के कारण से कहीं कार्य कर रहा है और बच्चा किसी निरीक्षण/सर्वेक्षण में कामकाजी बच्चे के रूप में चिन्हित हुआ हो| |
तृतीय श्रेणी | तृतीय प्राथमिकता उन बच्चों की दी जाये कि ऐसे परिवार से आते है जहाँ माता-पिता दोनों स्थायी रूप से दिव्यांग हैं और बच्चा परिवार का आर्थिक सहयोग करने के कारण से कहीं कार्य कर रहा है और बच्चा किसी निरीक्षण/सर्वेक्षण के माध्यम से कामकाजी बच्चे के रूप में चिन्हित हुआ हो। |
चतुर्थ श्रेणी | चतुर्थ प्राथमिकता उन बच्चों को दी जाये जो कि ऐसे परिवार से आते हैं जहाँ माता-पिता असाध्य रोग से ग्रसित हैं और बच्चा परिवार का आर्थिक सहयोग करने के कारण से कहीं कार्य का रहा है और बच्चा किसी निरीक्षण/सर्वेक्षण के माध्यम से कामकाजी बच्चे के रूप में चिन्हित हुआ हो। |
पंचम श्रेणी | पंचम प्राथमिकता उन बच्चों की दी जाये जो कि ऐसे परिवार से आते है जहाँ पिता स्थायी रूप से दिव्यांग हो और वह बच्चा परिवार का आर्थिक सहयोग करने के कारण से कहीं कार्य कर रहा है और बच्चा किसी निरीक्षण/सर्वेक्षण के माध्यम से कामकाजी बच्चे के रूप में चिन्हित हुआ हो। |
षष्टम् श्रेणी | छष्ठम प्राथमिकता उन बच्चों की दी जाये जो कि ऐसे परिवार से आते है जहाँ पिता किसी गम्भीर असाध्य रोग से ग्रसित हो और वह बच्चा परिवार का आर्थिक सहयोग करने के कारण से कहीं कार्य कर रहा है और बच्चा किसी निरीक्षण/सर्वेक्षण के माध्यम से कामकाजी बच्चे के रूप में चिन्हित हुआ हो। |
सप्तम श्रेणी | सप्तम प्राथमिकता उन बच्चों की दी जाये जो कि ऐसे परिवार से आते है जहाँ महिला या माता परिवार की मुखिया हो और बच्चा परिवार का आर्थिक सहयोग करने के कारण से कहीं कार्य कर रहा है और बच्चा किसी निरीक्षण/सर्वेक्षण के माध्यम से कामकाजी बच्चे के रूप में चिन्हित हुआ हो |
अष्ठम श्रेणी | अष्ठम प्राथमिकता उन बच्चों की दी जाये जो कि ऐसे परिवार से आते है जहाँ माता की मृत्यु हो चुकी हो अथवा माता स्थायी रूप से दिव्यांग हो अथवा माता किसी गम्भीर असाध्य रोग से ग्रसित हो। |
नवम श्रेणी | नवम प्राथमिकता उन बच्चों की दी जाये जो कि ऐसे परिवार से आते है जो कि भूमिहीन परिवार है और बच्चा परिवार का आर्थिक सहयोग करने के कारण से कहीं कार्य का रहा है | ऐसा बच्चा किसी निरीक्षण/सर्वेक्षण के माध्यम से कामकाजी बच्चे के रूप में चिन्हित हुआ हो। |
Bal Shramik Vidya Yojana पात्रता क्या होनी चाहिए
- माता या पिता या दोनों की मृत्यु हो चुकी हो|
- माता या पिता या दोनों स्थाई रूप से विकलांग हो
- महिला या माता/पिता की मुखिया हो|
- माता या पिता या दोनों स्थाई किसी गंभीर असाध्य रोग से ग्रसित हो|
- भूमिहीन परिवार
योजना के लिए जरूरी दस्तावेज
- आधार कार्ड
- पैन कार्ड
- निवास प्रमाण पत्र
- मोबाइल नंबर
- पासपोर्ट साइज फोटो
मुख्यमंत्री बाल श्रमिक विद्या योजना 2025 में आवेदन करने की प्रक्रिया
आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा UP Bal Shramik Vidya Yojana 2025 अभी आरम्भ की गई है, वे सभी इच्छुक व्यक्ति जो इस योजना का लाभ लेना चाहते हैं, उन सभी को अभी कुछ समय का इंतजार करना होगा।
मुख्यमंत्री बाल श्रमिक विद्या योजना के तहत आवेदन करने के लिए प्रक्रिया शुरू नहीं की गई है, किसी भी विभाग द्वारा इस योजना के आवेदन से जुड़ी कोई जानकारी साझा नहीं की गई है।
इस योजना के आवेदन के संबंध में मुख्यमंत्री या किसी अन्य सरकारी विभागीय अधिकारी द्वारा जानकारी दिए जाने की स्थिति में हम आपको इस लेख के माध्यम से सूचित करेंगे।